मोक्षमार्ग प्रकाशक
From जैनकोष
पं. टोडरमल (ई. १७९६) द्वारा रचित हिन्दी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (ती./४/२८६)।
पं. टोडरमल (ई. १७९६) द्वारा रचित हिन्दी भाषा का अनुपम आध्यात्मिक ग्रन्थ है। यह ग्रन्थ अधूरा ही रह गया, क्योंकि विद्वेषियों की चुगली के कारण पंडितजी को असमय में ही अपना शरीर छोड़ना पड़ा। (ती./४/२८६)।