मौनव्रत
From जैनकोष
एक वर्ष तक पौष शु. ११ से प्रारम्भ करके प्रत्येक मास के प्रत्येक ११वें दिन १६ पहर का उपवास करे। इस प्रकार कुल २४ उपवास करे। नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ. ११२)।
एक वर्ष तक पौष शु. ११ से प्रारम्भ करके प्रत्येक मास के प्रत्येक ११वें दिन १६ पहर का उपवास करे। इस प्रकार कुल २४ उपवास करे। नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ. ११२)।