रक्षा बंधन व्रत
From जैनकोष
श्रावण शु. १५ के दिन विष्णुकुमार मुनि ने अकम्पनादि ७०० मुनियों पर राजा बलि द्वारा किया गया उपसर्ग दूर किया था । इस दिन को रक्षाबन्धन कहते हैं । इस दिन उपवास करे और पीला सूत हाथ में बाँधे और ‘ओं ह्रीं विष्णुकुमारमुनये नमः’ इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे । (व्रत - विधान सं./पृ. १०८)।