लाट
From जैनकोष
गुजरात के प्राचीन काल में तीन भाग थे। उनमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। (म.पु. /प्र./४९। पन्नालाल) (क.पा.१/प्र. ७३)
गुजरात के प्राचीन काल में तीन भाग थे। उनमें से गुजरात का मध्य व दक्षिण भाग लाट कहलाता था। (म.पु. /प्र./४९। पन्नालाल) (क.पा.१/प्र. ७३)