वज्रमध्य व्रत
From जैनकोष
ह. पु./३४/६२-६३−रचना के अनुसार ५,४,३,२,१,२,३,४,५ के क्रम से २९ उपवास करे। बीच के ९ स्थानों में पारणा करे। व्रत विधान संग्रह/पृ. ८१−रचना के अनुसार १,२,३,४,५,५,४,३,२ के क्रम से २९ उपवास करे। बीच के ९ स्थानों में पारणा करे । नमस्कार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे।