शामकुंड
From जैनकोष
आप तुम्बुलूर आचार्य से कुछ ही पहले हुए हैं। आपने षट् खण्ड के प्रथम पाँच खण्डों पर ‘पद्धति’ नाम की टीका लिखी है। समय - ई.श.३ का अपरार्ध। (ष.खं.१/प्र.९H.L.Jain)।
आप तुम्बुलूर आचार्य से कुछ ही पहले हुए हैं। आपने षट् खण्ड के प्रथम पाँच खण्डों पर ‘पद्धति’ नाम की टीका लिखी है। समय - ई.श.३ का अपरार्ध। (ष.खं.१/प्र.९H.L.Jain)।