शंबूक
From जैनकोष
प.पु./४३/श्लोक–रावण की बहन चन्द्रनखा का पुत्र था। सूर्यहास खड्ग को सिद्ध करने के लिए १२ वर्ष का योग वंशस्थल पर्वत पर धारण किया (४५-४७) वनवासी लक्ष्मण ने खड्ग की गन्ध से आश्चर्यान्वित हो, खड्ग की परख के अर्थ शम्बूक सहित वंश के बीड़े को काट दिया (४९-५५) यह मरकर नरक में गया।