श्रीवल्लभ
From जैनकोष
दक्षिण में लाट देश के राजा कृष्णराज प्रथम का पुत्र था, तथा ध्रुव राजा का बड़ा भाई था। कृष्णराज प्रथम का नाम गोविन्द प्रथम था, इसी कारण इनका नाम गोविन्द द्वितीय भी था। यह वर्धमानपुर की दक्षिण दिशा में राज्य करता था। अमोघवर्ष के पिता जगतुंग ने इसे इन्द्रराज की सहायता से युद्ध में परास्त करके इसका राज्य छीन लिया था। इसी के समय में आ. जिनषेण ने अपना हरिवंश पुराण लिखना प्रारम्भ किया था। समय - श.६९४-७१६ (ई.७७२-७९४); (ह.पु./६६/५२-५३); (ह.पु./प्र.५ पं.पन्नालाल)। - देखें - इतिहास / ३ / ४ ।