सकलभूतदया
From जैनकोष
सातावेदनीय कर्म की आस्रवभूत क्रियाओं में एक क्रिया । समस्त प्राणियों पर दया करना सकलभूतदया कहलाती है । हरिवंशपुराण 58.94-95
सातावेदनीय कर्म की आस्रवभूत क्रियाओं में एक क्रिया । समस्त प्राणियों पर दया करना सकलभूतदया कहलाती है । हरिवंशपुराण 58.94-95