सप्तऋषि
From जैनकोष
प.पु./९२/श्लोक सं.प्रभापुर नगर के राजा श्री नन्दन के सात पुत्र थे‒सुरमन्यु, श्रीमन्यु, श्रीनिचय, सर्वसुन्दर, जयवान्, विनयलालस, और जयमित्र। (२-३) प्रीतिंकर महाराज के केवलज्ञान के अवसर पर देवों के आगमन से प्रतिबोध को प्राप्त हुए तथा पिता सहित सातों ने दीक्षा ले ली (५-६)। उत्तम तप के कारण सातों भाई सप्तऋषि कहलाये (७)। उनके प्रभाव से ही मथुरा नगरी में चमरेन्द्र यक्ष द्वारा प्रसारित महामारी रोग नष्ट हुआ था।९।