समवायि
From जैनकोष
१. समवाय व असमवाय का लक्षण
वैशेषिक द./भाषा./१०/२/३०५/७ द्रव्य ही में गुण और कर्म समवाय सम्बन्ध से रह सकते हैं...द्रव्य में ही समवायि कारण होता है।
वैशेषिक/भाषा./१०/२/३/३०६ जो कारण और कार्य के सम्बन्ध को एक ही में मिला दे वह असमवायी कारण है।