सर्वनंदि
From जैनकोष
काशी नरेश सिंहवर्मा के समकालीन तथा प्राकृत गाथाबद्ध लोक विभाग नामक ग्रन्थ के रचयिता। इस ग्रन्थ का संस्कृत रूपान्तर पीछे श्री सिद्धनन्दि द्वारा ई.श.११ में किया गया है। समय -ई.४५८ (श.३८०); (ति.प./प्र.६ A.N.UP.) (जै./२/७)।
काशी नरेश सिंहवर्मा के समकालीन तथा प्राकृत गाथाबद्ध लोक विभाग नामक ग्रन्थ के रचयिता। इस ग्रन्थ का संस्कृत रूपान्तर पीछे श्री सिद्धनन्दि द्वारा ई.श.११ में किया गया है। समय -ई.४५८ (श.३८०); (ति.प./प्र.६ A.N.UP.) (जै./२/७)।