सर्वावधिज्ञान
From जैनकोष
अवधिज्ञान के तीन भेदों में दूसरा भेद । यह परमावधिज्ञान होने के पूर्व होता है । ये ज्ञान देश प्रत्यक्ष होते हैं तथा पुद्गल द्रव्य को विषय करते हैं । महापुराण 36.147, हरिवंशपुराण 10.152
अवधिज्ञान के तीन भेदों में दूसरा भेद । यह परमावधिज्ञान होने के पूर्व होता है । ये ज्ञान देश प्रत्यक्ष होते हैं तथा पुद्गल द्रव्य को विषय करते हैं । महापुराण 36.147, हरिवंशपुराण 10.152