सिंहनंदिता
From जैनकोष
रत्नपुर नगर के राजा श्रीषेण की बड़ी रानी । इसके पुत्र का नाम इन्द्रसेन था । इसने आहारदान की अनुमोदना करके उत्तरकुरु क्षेत्र में उत्तम भोगभूमि की आयु का बन्ध किया था । महापुराण 62. 340-341, 350
रत्नपुर नगर के राजा श्रीषेण की बड़ी रानी । इसके पुत्र का नाम इन्द्रसेन था । इसने आहारदान की अनुमोदना करके उत्तरकुरु क्षेत्र में उत्तम भोगभूमि की आयु का बन्ध किया था । महापुराण 62. 340-341, 350