सुकौशल
From जैनकोष
- मध्यप्रदेश। अपरनाम महाकौसल। (म.पु./प्र.४८ पन्नालाल)।
- प.पु./सर्ग/श्लोक राजा कीर्तिधर का पुत्र था। (२२/१५९)। मुनि (अपने पिता) की धर्मवाणी श्रवण कर दीक्षा ग्रहण कर ली (२२/४०)। तपश्चरण करते हुए को माता ने शेरनी बनकर खा लिया (२२/९०)। जीवन के अन्तिम क्षण में निर्वाण प्राप्त किया (२२/९८)।