सुवर्णतेज
From जैनकोष
हेमांगद देश में स्थित राजपुर नगर के कनकतेज वैश्य और उसकी स्त्री चन्द्रमाला का पुत्र । इसी नगर का सेठ रत्नतेज अपनी पुत्री अनुपमा इसे विवाहना चाहता था किन्तु इसकी दरिद्रता और मूर्खता के कारण उसने अपनी पुत्री का विवाह इसके साथ नहीं किया था । महापुराण 75. 450-454