स्फटिक
From जैनकोष
- सौधर्म स्वर्ग का १८वाँ पटल व इन्द्रक- देखें - स्वर्ग / ५ / ३ ;
- गन्धमादन विजयार्ध का एक कूट- देखें - लोक / ५ / ४ ;
- मानुषोत्तर पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १० ;
- कुण्डपर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १२ ;
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट- देखें - लोक / ५ / १३ ।