स्वधर्म व्यापकत्व शक्ति
From जैनकोष
स.सा./आ./परिशक्ति/२५। स्वशरीरैकस्वरूपात्मिका स्वधर्मव्यापकत्वशक्ति:।२५। = सर्व शरीरों में एक स्वरूपात्मक ऐसी स्वधर्मव्यापकत्व शक्ति (शरीर के धर्मरूप न होकर अपने-अपने धर्मों में व्यापने रूप शक्ति) सो स्वधर्म व्यापकत्व शक्ति है।