हरिवंश पुराण
From जैनकोष
- पुन्नाटसंघीय आ.जिनसेन (ई.७८३) कृत ६६ सर्ग तथा १०,००० श्लोक संस्कृत काव्य। (ती./३/४)।
- कवि धवल (वि.श.११-१२) कृत अपभ्रंश काव्य। (ती./४/११९)।
- ब्र.जिनदास (ई.१३९३-१४६८) कृत ४० सर्ग प्रमाण संस्कृत काव्य। (ती./३/३४०)।
- कवि रइधु (वि.१४५७-१५३६) कृत अपभ्रंश काव्य (देखें - रइधु )।
- सकलकीर्ति (ई.१४०६-१४४२) कृत संस्कृत काव्य। (देखें - सकलकीर्ति )।