हस्तिनापुर
From जैनकोष
एक नगर । यह भरतक्षेत्र के कुरुजांगल देश की राजधानी थी । श्रेयांस इसी नगरी के राजा थे । आदि तीर्थंकर वृषभदेव एक वर्ष निराहार रहने के पश्चात् अपनी प्रथम चर्या के लिए इसी नगर में आये और श्रेयांसकुमार ने इसी नगर में उन्हें विधिपूर्वक आहार दिया था मुनि विष्णुकुमार ने बलि द्वारा किये गये उपसर्ग से अकम्पनाचार्य आदि सात सौ मुनियों की यहाँ रक्षा की थी । राजा पद्मरथ और मुनि विद्युत्कुमार इसी नगर के राजकुमार थे । चक्रवर्ती एव तीर्थङ्कर शान्तिनाथ, कुन्थुनाथ और अरनाथ, चक्रवर्ती सुभौम और सनत्कुमार तथा परशुराम इसी नगर में जन्मे थे । शास्त्र इस नगर का धनिक षेष्ठी था । कौरवों की यह नगर राजधानी थी । युद्ध जो महाभारत नाम से प्रसिद्ध है, इसी नगर के विभाजन के लिए हुआ था । नागपुर, हस्तिनागपुर और गजपुर इसके अपर नाम थे । महापुराण 20. 29-31, 43, 81, 43.74-77, 63. 342, 363, 406, 455-457, 64.12-13, 24,28, 65. 14-15, 25, 30, 51, 71.260-261, पद्मपुराण 20. 52-54, हरिवंशपुराण 33. 241, 45.39-41, पांडवपुराण 2.183-185, 7.68, 10.17