हैरण्यवत
From जैनकोष
- रा.वा./३/१०/१७/१८१/१९ हिरण्यवान् रुक्मिनामा पर्वतस्तस्यादूरभवत्वाद्धैरण्यवतव्यपदेश:। =[अढाई द्वीपस्थ प्रसिद्ध छठा क्षेत्र है] रुक्मि के उत्तर शिखरी के दक्षिण तथा पूर्व पश्चिम समुद्रों के बीच हैरण्यवत क्षेत्र है।
- हैमवत क्षेत्र का अवस्थान व विस्तारादि - देखें - लोक / ३ / ३ ।
- हैमवतक्षेत्र में काल वर्तन आदि सम्बन्धी विशेषता - देखें - काल / ४ / १५ ।
- रुक्मि पर्वतस्थ एक कूट व उसका स्वामी देव - देखें - लोक / ५ / ४ ;
- शिखरी पर्वतस्थ एक कूट व उसका सवामी देव - देखें - लोक / ५ / ४ ।