अवधि
From जैनकोष
धवला पुस्तक 9/4,1,2/12/6 तथा 13/1 ओहिसद्दो अप्पाणम्मि वट्टदे..कत्ग वि मज्जाए वट्टदे..कत्थ वि णाणे वट्टदे..। अथवा अवाग्धानादवधिरिति ब्युत्पत्तेर्ज्ञानस्य अवधित्वं घटते।
= 1. अवधि शब्द आत्माके अर्थमें होता है. 2. कहीं पर मर्यादाके अर्थमें भी इस शब्दका प्रयोग होता है.. 3. कहीं पर ज्ञान अर्थमें भी यह शब्द आता है। 4. अथवा `अवाग्धानात् अवधि' अर्थात् जो अधोंगत पुद्गलकों अधिकतासे ग्रहण करे वह अवधि है, इस ब्युत्पत्तिसे ज्ञानकी अवधिपना घटित होता है।