आंध्र
From जैनकोष
1. मध्य आर्यखण्डका एक देश। - देखें मनुष्य - 4;2. ( महापुराण / प्रस्तावना 50/पं. पन्नालाल)-गोदावरी व कृष्णा नदीके बीचका क्षेत्र। इसकी राजधानी अन्ध्र नगर (वेंगी) थी। इसका अधिकांश भाग भाग्यपुर (हैदराबाद)में अन्तर्भूत है। इसको त्रैलिंग (तेलंगा) देश भी कहते हैं। 3. ( धवला पुस्तक 1/प्र.32/H.L.Jain) सितारा जिलके वह भागभी आन्ध्र देशमें ही था जिसमें आज वेण्या नदी बहती है, तथा जिसमें महिमानगढ़ नामका ग्राम है।