कर्वट
From जैनकोष
== सिद्धांतकोष से ==
ध.13/5,5,63/335/8 पर्वतावरूद्धं कव्वडं णाम। =पर्वतों से रूके हुए नगर का नाम कर्वट है।
म.पु./16/175 शतान्यष्टौ च चत्वारि द्वे च स्युर्ग्रामसंख्यया। राजधान्यस्तथा द्रोणमुखकर्वटयो: क्रमात् ।175। =एक कर्वट में 200 ग्राम होते हैं।
पुराणकोष से
पर्वतों से घिरा हुआ ग्राम । ऐसे ग्रामों की रचना तीर्थंकर आदिनाथ के समय में शिल्पियों द्वारा की गयी थी । हरिवंशपुराण 9. 38 पांडवपुराण 2. 159