निशुंभ
From जैनकोष
म.पु./अधि./श्लोक–दूरवर्ती पूर्व भव में राजसिंह नामका बड़ा मल्ल था। (61/59-60)। अपर नाम मधु्क्रीड़ था। पूर्व भव में पुण्डरीक नामक नारायण के जीव का शत्रु था। (65/180)। वर्तमान भव में पांचवां प्रतिनारायण हुआ–देखें शलाका पुरुष - 5।
म.पु./अधि./श्लोक–दूरवर्ती पूर्व भव में राजसिंह नामका बड़ा मल्ल था। (61/59-60)। अपर नाम मधु्क्रीड़ था। पूर्व भव में पुण्डरीक नामक नारायण के जीव का शत्रु था। (65/180)। वर्तमान भव में पांचवां प्रतिनारायण हुआ–देखें शलाका पुरुष - 5।