प्रामाण्य
From जैनकोष
1. न्या. वि./टी.1/128/481/20 प्रमाणकर्म प्रामाण्यं परिच्छित्तिलक्षणं । = प्रमाण का कर्म सो प्रामाण्य है, वह पदार्थ के निश्चय करने रूप लक्षण वाला होता है ।
1. न्या. वि./टी.1/128/481/20 प्रमाणकर्म प्रामाण्यं परिच्छित्तिलक्षणं । = प्रमाण का कर्म सो प्रामाण्य है, वह पदार्थ के निश्चय करने रूप लक्षण वाला होता है ।