बंध-विधान
From जैनकोष
ध. 14/56,1/2/5 पयडि-ट्टिदिअणुभाग-पदेसभेद-भिण्णा बंधवियप्पा बंधविहाणं णाम । = प्रकृति, स्थिति, अनुभाग और प्रदेश के भेद से भेद को प्राप्तहुए बन्ध के भेदों को बन्ध-विधान कहते हैं ।
ध. 14/56,1/2/5 पयडि-ट्टिदिअणुभाग-पदेसभेद-भिण्णा बंधवियप्पा बंधविहाणं णाम । = प्रकृति, स्थिति, अनुभाग और प्रदेश के भेद से भेद को प्राप्तहुए बन्ध के भेदों को बन्ध-विधान कहते हैं ।