रुजा
From जैनकोष
नि. सा./ता. वृ./6 वातपित्तश्लेष्मणां वैषम्यसंजातकलेवरविपीडैव रुजा। = वात, पित्त और कफ की विषमता से उत्पन्न होने वाली कलेवर (शरीर) सम्बन्धी पीड़ा वही रोग (रुजा) है।
नि. सा./ता. वृ./6 वातपित्तश्लेष्मणां वैषम्यसंजातकलेवरविपीडैव रुजा। = वात, पित्त और कफ की विषमता से उत्पन्न होने वाली कलेवर (शरीर) सम्बन्धी पीड़ा वही रोग (रुजा) है।