देवनंदि
From जैनकोष
- नन्दिसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप यशोनन्दि के शिष्य थे और जयनन्दि के गुरु थे। समय–वि.श.211-258 (ई.336-386)।–देखें इतिहास - 7.2।
- आ0पूज्यपाद (ई.श.5) का अपरनाम।
- राहिणीविहाण कहा के रचयिता एक अपभ्रंश कवि। समय–वि.श.15 (ई.श.15 पूर्व) (ती./4/242)।