नंदिमित्र
From जैनकोष
- श्रुतावतार की पट्टावली के अनुसार आप द्वितीय श्रुतकेवली थे। समय‒वी.नि.76-92 (ई.पू./451-435) दृष्टि नं.3 के अनुसार वी.नि.88-116‒देखें इतिहास - 4.4।
- ( महापुराण/66/ श्लोक)‒पूर्व भव.नं.2 में पिता द्वारा इनके चाचा को युवराज पद दिया गया। इन्होंने इसमें मन्त्री का हाथ समझ उससे वैर बांध लिया और, दीक्षा ले ली तथा मरकर सौधर्म स्वर्ग में उत्पन्न हुए।103-105। वर्तमान भव में सप्तम बलभद्र हुए।106। (विशेष परिचय के लिए‒देखें शलका पुरुष - 3।