अनंतबल
From जैनकोष
सुवर्ण पर्वत पर विराजित एक केवलज्ञानी मुनि । मेरुवन्दना से लौटते समय रावण ने इन्हीं से परस्त्रीत्यागव्रत ग्रहण किया था । पद्मपुराण 14.10, 370-371
सुवर्ण पर्वत पर विराजित एक केवलज्ञानी मुनि । मेरुवन्दना से लौटते समय रावण ने इन्हीं से परस्त्रीत्यागव्रत ग्रहण किया था । पद्मपुराण 14.10, 370-371