अमृत
From जैनकोष
(1) शरीर का पोषक दिव्यपान । महापुराण 2.12
(2) आदित्यवंशी नृप अतिबल का पुत्र । सुभद्र इसका पुत्र था । शरीर से निःस्पृह होकर यह निर्ग्रन्थ हो गया था । पद्मपुराण 5.4-10
(3) सौधर्मेन्द्र द्वारा स्तुत वृषभदेव का एक नाम । महापुराण 25.127