ईर्यापथ
From जैनकोष
आस्रव का एक भेद । यह अकषाय जीवों के होता है । उपशान्तकषाय से सयोग-केवली तक के जीव अकषाय होते हैं । हरिवंशपुराण 58.58-59
आस्रव का एक भेद । यह अकषाय जीवों के होता है । उपशान्तकषाय से सयोग-केवली तक के जीव अकषाय होते हैं । हरिवंशपुराण 58.58-59