किष्कुपुर
From जैनकोष
वानरवंशी राजा श्रीकण्ठ द्वारा वानरद्वीप के किष्कु पर्वत की समतल भूमि पर बसाया गया नगर । यह चौदह योजन लम्बा था और इसकी परिधि बयालीस योजन से कुछ अधिक थी । इसकी दक्षिण दिशा मे इन्द्र विद्याधर द्वारा कलाग्नि विद्याधर के पुत्र यम की लोकपाल के रूप में नियुक्ति की गयी थी । किष्कुप्रमोद इसका अपरनाम था । पद्मपुराण 6. 1-5, 85.120-123, 7.114-115, 9.13