गुणाधिक
From जैनकोष
सर्वार्थसिद्धि/7/11/349/9 सम्यग्ज्ञानादिभि: प्रकृष्टा गुणाधिका:।=जो सम्यग्ज्ञानादि गुणों में बढ़े-चढ़े हैं वे गुणाधिक कहलाते हैं।
सर्वार्थसिद्धि/7/11/349/9 सम्यग्ज्ञानादिभि: प्रकृष्टा गुणाधिका:।=जो सम्यग्ज्ञानादि गुणों में बढ़े-चढ़े हैं वे गुणाधिक कहलाते हैं।