चपलवेग
From जैनकोष
(1) चन्द्रगति विद्याधर का एक विद्याधर मृत्य । चन्द्रगति भामण्डल के लिए सीता को प्राप्त करना चाहता था । इसलिए उसने इसे जनक को हरकर लाने के लिए भेजा । इसने सुन्दर घोड़े का रूप धारण किया । राजा जनक इसकी ओर आकृष्ट हो गया । जैसे ही जनक इस पर सवार हुआ यह उसे लेकर आकाश मार्ग से चपलवेग के पास पहुँच गया । पद्मपुराण 28.60-100
(2) एक विद्याधर । धातकीखण्ड द्वीपस्थ भरतक्षेत्र के सारममुच्चय देश में स्थित नागपुर नगर के राजा नरदेव ने उत्कष्ट तपश्चरण करते समय इस विद्याधर को देखकर यह निदान किया था कि वह भी विद्याधर बने । महापुराण 68.3-6