चंद्रकीर्ति
From जैनकोष
- नन्दिसंघ के देशीयगण की गुर्वावली के अनुसार आप मल्लधारीदेव के शिष्य और दिवाकर नन्दि के गुरु थे। समय–वि.1100-1130 (ई.1043-1073)–देखें इतिहास - 7.5।
- वि.1654-1681 (ई.1597-1624) के एक भट्टारक थे जिन्होंने वृषभ देव पुराण, पद्मपुराण, पार्श्व पुराण और पार्श्व पूजा लिखे। (ती./3/441)