त्रिखंड
From जैनकोष
भरतादि क्षेत्रों में छह-छह खण्ड हैं। विजयार्ध के एक ओर तीन म्लेक्षखण्ड हैं और दूसरी ओर एक आर्यखण्ड व दो म्लेक्षखण्ड हैं। इन तीन म्लेक्षखण्डों को ही त्रिखण्ड कहते हैं, जिसे अर्धचक्रवर्ती जीतता है।
भरतादि क्षेत्रों में छह-छह खण्ड हैं। विजयार्ध के एक ओर तीन म्लेक्षखण्ड हैं और दूसरी ओर एक आर्यखण्ड व दो म्लेक्षखण्ड हैं। इन तीन म्लेक्षखण्डों को ही त्रिखण्ड कहते हैं, जिसे अर्धचक्रवर्ती जीतता है।