धरसेन
From जैनकोष
- आचार्य अहद्वली के समकालीन, पूर्वविद, षट्खण्डागम के मूल, पुष्पदन्त तथा भूतबली के गुरु। समय–वी.नि.565-633 (ई.38-106)। (विशेष देखें कोश - 1.परिशिष्ट 2/10)।
- पुन्नाटसंघ की पट्टावली के अनुसार दीपसेन के शिष्य, सुधर्मसेन के गुरु समय–ई.श.5 (देखें इतिहास - 7.8)।