पवनवेग
From जैनकोष
(1) केवली मुनि । मुनि अजितसेन को भी इन्हीं के साथ केवलज्ञान हुआ था । वायुवेग की पुत्री शान्तिमती इनके केवलज्ञान के समय मौजूद थी । महापुराण 63.114
(2) एक विद्याधर । इसने पटरानी लक्ष्मणा की प्राप्ति में कृष्ण की सहायता की थी । महापुराण 71.410-413
(3) भरतक्षेत्र के विजया पर्वत पर स्थित शिबंकर नगर का विद्याधरों का स्वामी । इसकी रानी सुवेगा से मनोवेग उत्पन्न हुआ था । महापुराण 75.163-165
(4) पवनंजय का अपर नाम । पद्मपुराण 102.167 देखें पवनंजय
(5) विजयार्ध पर्वत की उत्तरश्रेणी के मेघपुर नगर का राजा मनोहरी इसकी रानी थी । राजा सुमुख की रानी मनोरमा इसी नृप की पुत्री थी । महापुराण 71. 369, हरिवंशपुराण 15.25-27
(6) गुणमित्र का जीव एक कबूतर यह अगले भव में जीवंधर का छोटा भाई नन्दाद्य हुआ । महापुराण 75.457,474