बंदी
From जैनकोष
उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव । ये तीर्थंकर की माता को जगाने और प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते हैं । महापुराण 7.243, 12.121-122, 17.102
उत्साहवर्द्धक मंगल पाठ करने वाले चारण अथवा देव । ये तीर्थंकर की माता को जगाने और प्रस्थान के समय उच्च स्वर से मंगल पाठ करते हैं । महापुराण 7.243, 12.121-122, 17.102