इत्थं
From जैनकोष
देखे संस्थान ।
इत्वरिका - सर्वार्थसिद्धि अध्याय संख्या ७/२८/३६७/१३ परपुरुषानेति गच्छतीत्येवंशीला इत्वरी। कुत्सिता इत्वरी कुत्सायां क इत्वरिका।
= जिसका स्वभाव अन्य पुरुषोंके पास जाना आना है वह (स्त्री) इत्वरी कहलाती है। इत्वरी अर्थात् अभिसारिका। इनमें भी जो अत्यन्त अचरट होती है वह इत्वरिका कहलाती है, यहाँ कुत्सित अर्थ में `क' प्रत्यय होकर इत्वरिका शब्द बना है।
( राजवार्तिक अध्याय संख्या ७/२८/२/२५/५५४)