महीदेव
From जैनकोष
मूल संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अकलंक भट्ट के शिष्य थे। समय–(ई.665-705)। (देखें इतिहास - 7.1)। ( सिद्धि विनिश्चय/ प्र.7/पं. महेन्द्र कुमार)।
मूल संघ की गुर्वावली के अनुसार आप अकलंक भट्ट के शिष्य थे। समय–(ई.665-705)। (देखें इतिहास - 7.1)। ( सिद्धि विनिश्चय/ प्र.7/पं. महेन्द्र कुमार)।