दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय और चार इन्द्रिय जीव । ये मानुषोत्तर पर्वत तक ही रहते हैं । हरिवंशपुराण 5.633
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ