श्रुतज्ञानव्रत
From जैनकोष
कर्मनाशक एक तप । इसमें एक सौ अट्ठावन उपवास और इतनी ही पारणाएँ की जाती है । इस प्रकार सम्पूर्ण व्रत में तीन सौ सोलह दिन लगते हैं । इसका मुख्यफल केवलज्ञान और गौणफल स्वर्ग आदि की प्राप्ति है । महापुराण 6.142, 145-950, हरिवंशपुराण 34.97