सचित्त-संबंधाहार
From जैनकोष
उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । सचित्त वस्तुओं से सम्बन्ध रखने वाले आहारपान का सेवन करना सचित्तसम्बन्धाहार अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण 58.182
उपभोगपरिमाणव्रत के पाँच अतिचारों में दूसरा अतिचार । सचित्त वस्तुओं से सम्बन्ध रखने वाले आहारपान का सेवन करना सचित्तसम्बन्धाहार अतिचार कहलाता है । हरिवंशपुराण 58.182