सप्तप्रकृति
From जैनकोष
(1) राजा की सात प्रकृतियां । वे हैं― स्वामी, मन्त्री, देश, कोष, दण्ड, गढ और मित्र । महापुराण 68.72
(2) सात प्रकृतियाँ-अनन्तानुबन्धी क्रोध, मान, माया और लोभ तथा मिथ्यात्व, सम्यक्मिथ्यात्व और सम्यक्त्व प्रकृति । इनके क्षय से क्षायिक और उपशम से औपशमिक सम्यग्दर्शन होता है । महापुराण 62. 317