समादानक्रिया
From जैनकोष
साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में चौथी क्रिया-संयमी पुरुष का असंयम की ओर सम्मुख होना । यह प्रमावर्धक होती है । हरिवंशपुराण 58.64
साम्परायिक आस्रव की पच्चीस क्रियाओं में चौथी क्रिया-संयमी पुरुष का असंयम की ओर सम्मुख होना । यह प्रमावर्धक होती है । हरिवंशपुराण 58.64