सामसमृद्ध
From जैनकोष
जम्बूद्वीप के विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर का एक श्रेष्ठी । इसने सागरदत्त श्रुतकेवली को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 76.130, 134-136
जम्बूद्वीप के विदेहक्षेत्र में पुष्कलावती देश के वीतशोक नगर का एक श्रेष्ठी । इसने सागरदत्त श्रुतकेवली को आहार देकर पंचाश्चर्य प्राप्त किये थे । महापुराण 76.130, 134-136