सृष्ट्यविकारिता
From जैनकोष
द्विज् के दस अधिकारों में पाँचवाँ अधिकार । मिथ्यादृष्टियों के दूषित सृष्टिवाद से अपनी प्रजा की और राजा की रक्षा करने तथा धर्मसृष्टि की भावना करने के अधिकार का नाम सृष्ट्यधिकारिता है । महापुराण 40.175, 187-191
द्विज् के दस अधिकारों में पाँचवाँ अधिकार । मिथ्यादृष्टियों के दूषित सृष्टिवाद से अपनी प्रजा की और राजा की रक्षा करने तथा धर्मसृष्टि की भावना करने के अधिकार का नाम सृष्ट्यधिकारिता है । महापुराण 40.175, 187-191